میرا تعارف

میرا تعارفشھر اعظم گڈہ ھے برقی میرا آبائی وطنجس کی عظمت کے نشاں ھیں ھرطرف جلوہ فگنمیرے والد تھے وھاں پرمرجع اھل نظرجن کے فکرو فن کامجموعہ ھے تنویر سخننام تھا رحمت الھی اور تخلص برق تھاضوفگن تھی جن کے…

मेरा तआरुफ

मेरा तआरुफशहरे आज़मगढ है बर्क़ी मेरा आबाई वतनजिसकी अज़मत के निशाँ हैँ हर तरफ जलवा फेगनमेरे वालिद थे वहाँ पर मर्जए अहले नज़रजिनके फिकरो फ़न का मजमूआ है तनवीरे सुख़ननाम था रहमत इलाही और तख़ल्लुस बर्क़ थाज़ौफ़ेगन थी जिनके दम…

2- ग़ज़ल

2- ग़ज़लडा. अहमद अली बर्की़ आज़मी सता लेँ हमको दिलचसपी जो है उनको सताने मेँहमारा क्या वह हो जाएँगे रुस्वा ख़ुद ज़माने मेँलडाएगी मेरी तदबीर अब तक़दीर से पंजानतीजा चाहे जो कुछ हो मुक़ददर आज़माने मेँजिसे भी देखिए है गर्दिशे…

ग़ज़ल

1- ग़ज़लडा. अहमद अली बर्क़ी आज़मी नहीँ है उसको मेरे रंजो ग़म का अंदाज़ाबिखर न जाए मेरी ज़िंदगी का शीराज़ाअमीरे शहर बनाया था जिस सितमगर कोउसी ने बंद किया मेरे घर का दरवाज़ासितम शआरी में उसका नहीँ कोई हमसरसितम शआरोँ…