डा.आर. के. पचौरी, चेयरमैन आई पी सी सी को नोबेल पुरसकार मिलने पर
डा.आर. के. पचौरी, चेयरमैन आई पी सी सी को नोबेल पुरसकार मिलने पर
राजेनदर. के. पचौरी का बहद अहम है काम
नोबेल इनाम सुलह का है आज जिनके नाम
है एक़तेज़ाए वक़त पलूशन की रोक थाम
अहले जहाँ को आज है उनका यही पयाम
तंज़ीम उनकी रखती है माहौल पर नज़र
ख़तरे मेँ आज जिस से है यह आलमी निज़ाम
अहले जहाँ मेँ आज मुसलसल है इज़तेराब
उनकी रिपोरट जब से हुई हर किसी पे आम
मसमूम आज आबो हवा है कुछ इस तरह
सब पी रहे हैँ ज़हरे हेलाकत का एक जाम
इंसान ख़ुद है अपनी हलाकत का जिममेदार
नौएबशर से लेती है फ़ितरत यह इंतेक़ाम
कोई है क़हत और कोई सैलाब का शिकार
चारोँ तरफ है आज मसाएब का इज़देहाम
है आज सब के पेशे नज़र अपना ही मोफ़ाद
करता नहीँ है कोई कयोटो का एहतेराम
ख़ुशहाल ज़िंगदी है जो अहमद अली अज़ीज़
करना पडे गा अपनी हिफ़ज़त का इंतेज़ाम
राजेनदर. के. पचौरी का बहद अहम है काम
नोबेल इनाम सुलह का है आज जिनके नाम
है एक़तेज़ाए वक़त पलूशन की रोक थाम
अहले जहाँ को आज है उनका यही पयाम
तंज़ीम उनकी रखती है माहौल पर नज़र
ख़तरे मेँ आज जिस से है यह आलमी निज़ाम
अहले जहाँ मेँ आज मुसलसल है इज़तेराब
उनकी रिपोरट जब से हुई हर किसी पे आम
मसमूम आज आबो हवा है कुछ इस तरह
सब पी रहे हैँ ज़हरे हेलाकत का एक जाम
इंसान ख़ुद है अपनी हलाकत का जिममेदार
नौएबशर से लेती है फ़ितरत यह इंतेक़ाम
कोई है क़हत और कोई सैलाब का शिकार
चारोँ तरफ है आज मसाएब का इज़देहाम
है आज सब के पेशे नज़र अपना ही मोफ़ाद
करता नहीँ है कोई कयोटो का एहतेराम
ख़ुशहाल ज़िंगदी है जो अहमद अली अज़ीज़
करना पडे गा अपनी हिफ़ज़त का इंतेज़ाम
डा. अहमद अली बरक़ी आज़मी
598।9,ज़ाकिर नगर,नई देहली-110025