सर सय्यद
सर सय्यद
डा.अहमद अली बर्क़ी आज़मी
598।9, ज़ाकिर नगर ,नई दिल्ली-110025
है यह सर सय्यद का फ़ैज़ाने नज़र
जिसने शहरे इल्म के खोले हैँ दर
है अली गढ मेँ जो उनकी यादगार
उनके नख़्ले आरज़ू का है समर
गामज़न राहे तरक्की पर हैँ हम
उनकी तालीमात का है यह असर
अपने फ़र्ज़े मंसबी के साथ साथ
उनकी थी हालात पर गहरी नज़र
लिख के असबाबे बग़ावत पर किताब
कौम के थे चारागर बाद अज़ ग़दर
जिस धडी कोई न था पुरसाने हाल
थी भलाई क़ौम की पेशे नज़र
वह शऊरे फिकरोफ़न के थे नक़ीब
इल्म की अज़मत से थे वह बाख़बर
क़ौम को तरग़ीब देकर इल्म की
ज़िंदए जावेद है वह दीदावर
यौमे सर सय्यद मनाएँ क्योँ न हम
उनका है एहसान मुल्को क़ौम पर
ज़ेबे तारीख़े जहाँ है उनका नाम
काम है उनका नेहायत मोतबर
थे वह बज़मे इल्मो फ़न की रोशनी
हर तरफ जो आज तक है जलवागर
इल्म है क़ुफ़ले सआदत की कलीद
इल्म से से है सुरख़रू नौए बशर
इल्म से बढ कर नहीँ है कोई शै
इसके आगे हेच है सब मालो ज़र
उनका बर्क़ी है यह एहसाने अज़ीम
हैँ उलूमे अस्र से हम बाख़बर
very nice blog! so today u r caught here!! pls. if u can give hindi meanings also ,more ppl. wud b coming here. u can remove this word verification device from ur comment box as it causes hurdle for readers willing to comment.