फख़रे दौराँ ए पी जे अबदुल कलाम
डा. अहमद अली बरक़ी आज़मी
598।9, ज़ाकिर नगर नई देहली
फ़ख़रे दौराँ ए पी जे अबदुल कलाम
जिनका है साइंस मेँ आला मुक़ाम
काम से हैं अपने वह हर दिल अज़ीज़
जिस से है सारे जहाँ में उनका नाम
मरदे मीज़ाइल वह इस मुलक में
हिंद का है जिस से तुज़को एहतेशाम
मुलको मिललत की तरककी के लिए
जारीयो सारी है है उनका फ़ैज़े आम
वक़फ कर दी जिंदगी साइंस पर
इस लिए हैँ लायक़े सद एहतेराम
उलके ज़ररीँ कारनामोँ के सबब
ज़ेबे तारीख़े जहाँ है उनका नाम
उनका है तनहा यही क़ौमी मिशन
जुमला अबनाए वतन होँ नेकनाम
अशहबे दौराँ की उनके हाथ मेँ
इलमो फ़ज़लो आगही से है लगाम
कारगाहे ज़िंदगी मेँ अहले हिंद
होँ हमेशा सुरख़रू और नेक नाम
है नमूना उनकी अमली ज़िंदगी
लायक़े ताज़ीम है उनका मुक़ाम
ख़ाकसारी का है पैकर उनकी ज़ात
करता है अहमद अली उन को सलाम