पर्पल पेन समूह द्वारा श्रद्धांजलि सभा व काव्य गोष्ठी ‘नीरज तुम्हारी याद में’ में मशहूर गीतकार और नग़मा निगार पद्मभूषण डॉ.गोपाल दास नीरज को खिराज ए अक़ीदत डॉ. अहमद अली बर्क़ी आज़मी

पर्पल पेन समूह द्वारा श्रद्धांजलि सभा व काव्य गोष्ठी 

नीरज तुम्हारी याद मेंमें मशहूर गीतकार और नग़मा निगार पद्मभूषण डॉ.गोपाल दास नीरज को खिराज ए अक़ीदत

डॉ. अहमद अली बर्क़ी आज़मी
गोपाल दास नीरज थे ऐसे एक सुख़नवर

गीतों में जिनके उन का कोई नहीं था हमसर

साहित्य और कला से जिनको लगाव है कुछ

करते रहेंगे उनका सब ज़िक्र ए खैर घर घर

इल्मी हो या की फ़िल्मी हर गीत दिलनशीं था

अशआर से अयान था उनके क़लम का जौहर

ज़ोर ए क़लम से अपने मुमताज़ थे जहाँ में

करते थे वज्द उनके सब लोग गीत सुन कर

कवियों के कवि थे ऐसे गोपाल दास नीरज

है "मृत्यु एक उत्सव ” कहते थे सब से अक्सर

प्रतीक थे वह अपनी सांझी विरासतों के 

था उनका ऐसा जीवन जैसे कोई क़लंदर

मर कर भी हैं वह ज़िंदा नग़मों में अपने बर्क़ी

हिंदी हो या की उर्दू सब को है नाज़ उन पर